hindisamay head


अ+ अ-

कविता

कवि लिखना चाहता है महाकाव्य

मनोज कुमार पांडेय


कवि लिखना चाहता है पीड़ाओं का इतिहास
उसे कितनी पीड़ा की जरूरत होगी
कितने युद्ध अकाल बलात्कार
पर्याप्त होंगे इसके लिए

कवि हस्तक्षेप करना चाहता है समय में
उसे कितने सैनिकों की जरूरत होगी
या सूचना क्रांति के इस युग में
कवि अपना चैनल खोलेगा

कवि चाहता है कवि होना सिर्फ
चाहता है याद किया जाय इतिहास में
कितना बड़ा पद चाहिए होगा इसके लिए कि
कम से कम पाठ्य पुस्तकों में तो जगह मिल ही जाय

कवि लिखना चाहता है सौंदर्य के बारे में
कितने फूलों का सूँघा तोड़ा मसला जाना
पर्याप्त है कवि के लिए

कवि देखना चाहता है सपने
कितने लोगों को गँवानी पड़ेंगी अपनी आँखें
कवि आखिर किसका सपना देखेगा
कवि आखिर कैसा सपना देखेगा

कवि शांति और समरसता चाहता है देश में
कितने दंगों से हो पाएगा शांति का बोलबाला

कवि लिखना चाहता है महाकाव्य
नायक पुराणों से आएगा या सात समुंदर पार से
कितने बस्तों की कापियाँ छीन लेने से
हो जाएगा उसका काम
वह स्याही से लिखेगा या खून से


End Text   End Text    End Text

हिंदी समय में मनोज कुमार पांडेय की रचनाएँ